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चंदौली : डीडीयू जंक्शन पर आरपीएफ, बचपन बचाओ आंदोलन और चाइल्ड लाइन की संयुक्त टीम ने कार्रवाई की। टीम ने गुजरात की नट-बोल्ट फैक्टरी में काम कराने के लिए ले जाए जा रहे 17 नाबालिग बच्चों को मुक्त कराया। आरपीएफ इंस्पेक्टर प्रदीप रावत के नेतृत्व में चलाए गए ऑपरेशन आहट में गांधीधाम एक्सप्रेस से 8 नाबालिग बच्चों को बचाया गया।

इस दौरान बिहार के पूर्णिया से अजय कुमार, सुपौल से दिलखुश कुमार और प्रिंस कुमार तथा आसाम के बोगाईगांव से अलीमुद्दीन को गिरफ्तार किया गया। अप सीमांचल एक्सप्रेस से 9 और नाबालिगों को मुक्त कराया गया। इस दौरान तीन और तस्करों को पकड़ा गया।

इनमें पूर्णिया के मोहम्मद मुस्ताक दफाली, अजय हंसदा और अररिया के मोहम्मद शाहिद शामिल हैं। मुक्त कराए गए बच्चों में 11 पूर्णिया, 3 अररिया, 1 सुपौल, 1 रायबरेली और 1 गोलपारा (आसाम) के हैं। तस्करों ने पूछताछ में बताया कि वे बच्चों के परिवारों को पैसों का लालच देकर उन्हें गांधीधाम और दिल्ली ले जा रहे थे।बच्चों से 12 घंटे काम कराने की योजना थी। इसके बदले 8-9 हजार रुपए प्रति माह देने का वादा किया गया था। सभी बच्चों को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया गया है। पकड़े गए तस्करों को एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को सौंपा गया है।

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