चंदौली ब्यूरो :: आरपीएफ द्वारा बचपन बचाओ आंदोलन और ग्राम स्वराज समिति ने मंगलवार को रात्रि में संयुक्त रूप से डीडीयू रेलवे स्टेशन पर जांच अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान आठ नाबालिगों को रेस्क्यू किया गया। सभी नाबालिग काम की तलाश में गुजरात के अहमदाबाद जा रहे थे। इस दौरान वे ट्रेन से डीडीयू रेलवे स्टेशन पर पहुंचे और अहमदाबाद जाने के लिए दूसरी ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। उनके परिवार वालों को सूचित किया गया। बच्चों को घर पहुंचाने के लिए उन्हें चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया गया।आरपीएफ निरीक्षक प्रदीप कुमार रावत ने बताया कि घरवालों से नाराज होकर घर छोड़कर आने वाले नाबालिगों को पकड़कर उनकी काउंसिलिंग कर उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाया जाता है। इसके लिए रेलवे की ओर से ऑपरेशन आहट और ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते चलाए जा रहे हैं।इसी क्रम में मंगलवार की रात्रि आरपीएफ की एसआई सरिता गुर्जर, ग्राम स्वराज्य समिति के जिला समन्वयक सौरभ सिन्हा, कार्यक्रम समन्वयक जुनेद खान, और बचपन बचाओ आंदोलन की चंदा गुप्ता के साथ मिलकर अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान डीडीयू स्टेशन के पीआरएस काउंटर के पास से चार नाबालिग लड़कों को संदिग्ध स्थिति में पाया गया।और नाबालिगों को रेस्क्यू किया गया।काउंसिलिंग के दौरान सभी ने बताया कि वे घरवालों की डांट से नाटाज होकर घर से भाग गए थे और अहमदाबाद काम करने जा रहे थे। चार नाबालिक बिहार के रोहतास जिले के ओर चार नावालिक पश्चिम बंगाल के मीदनाजपुर जिले के निवासी है। सभी नाबालिगों के परिजनों को सूचना दी गई। नावालिगों को परिजनों तक सुरक्षित तरीके से पहुंचाने के लिए चाइल्ड लाइन के सुपुर्द किया गया।

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