• डॉक्टर पर लगे लापरवाही का आरोप
• परिजनों ने मांगी माफी
चंदौली ब्यूरो :: आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार की 17 वर्षीय बेटी प्रियांशु कुमारी की मौत ने सभी को झकझोर दिया। बिहार निवासी मनीष कुमार अपनी बहन को बेहोशी की हालत में 24 अगस्त की रात 11:40 बजे आयुष हेल्थ केयर हॉस्पिटल लाए थे।डॉक्टर ने गंभीर हालत देखते हुए दूसरे बड़े अस्पताल में रेफ़र करने की सलाह दी, लेकिन गरीबी आड़े आ गई। परिजनों के आग्रह पर डॉक्टर ने बिना पैसे लिए इलाज शुरू किया। वेंटिलेटर पर रखने के बावजूद 25 अगस्त की सुबह 7 बजे प्रियांशु की मौत हो गई।पहले ग़मग़ीन परिवार ने अस्पताल और डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया। लेकिन हकीकत सामने आने के बाद भाई मनीष कुमार ने लिखित माफीनामा दिया। उन्होंने माना कि वे कुछ लोगों के बहकावे में आकर आरोप लगा बैठे थे। मनीष ने अस्पताल प्रबंधन से साफ कहा कि वे न तो किसी मीडियाकर्मी को बुलाए थे और न ही भविष्य में कोई कानूनी कार्रवाई करेंगे।आयुष हेल्थ केयर सेंटर के डॉ. ए.के. सिंह ने कहा—अक्सर डॉक्टरों पर आरोप जल्दी लगा दिए जाते हैं, लेकिन अच्छे काम की सराहना नहीं होती। मरीज का यहां निशुल्क इलाज किया गया। तमाम कोशिशों के बाद भी कार्डिएक अरेस्ट से उसकी मौत हो गई। पुलिस के आने पर सच्चाई सामने आई और परिजनों ने माफी मांग ली।