लखनऊ। राज्य सरकार ने तीन विकास प्राधिकरणों बरेली, वाराणसी और मुरादाबाद का दायरा बढ़ाने का फैसला किया है। बरेली में 35 और मुरादाबाद में 71 गांवों को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ।बरेली विकास प्राधिकरण का गठन अप्रैल 1977 हुआ था, उस समय इसमें 198 गांवों को शामिल किया गया था। वर्ष 2008 में बरेली विकास प्राधिकरण की सीमा में जरूरत के आधार पर 66 गांवों को शामिल किया गया। इनमें से 49 गांव नगर निगम बरेली, एक नगर पंचायत रिठौरा, एक नगर पंचायत ठिरिया निजावत खां, एक नगर पंचायत भिटौरा नौगवा उर्फ फतेहगंज पश्चिमी में शामिल हो जाने से बरेली विकास क्षेत्र में 212 गांव ही बचे।बरेली विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र सीमा विस्तार की जरूरत होने से तहसील सदर के पांच, आंवला के 14 और फरीदपुर के 16 गांवों यानी कुल 35 गांवों को बरेली विकास प्राधिकरण की सीमा में शामिल करने का फैसला किया गया है।मुरादाबाद विकास प्राधिकरण का गठन जून 1982 में किया गया था। मौजूदा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विकास प्राधिकरण सीमा क्षेत्र में विस्तार का फैसला किया गया है। इसमें तहसील कांठ के 18 गांव, मुरादाबाद के 34, संभल के तीन, अमरोहा के 16 गांवों को विकास प्राधिकरण सीमा में शामिल करने का फैसला किया गया है। इससे इन गांवों में विकास के काम तेज हो सकेंगे।

वाराणसी में मुगलसराय, चंदौली, मिर्जापुर के गांव शामिल
लखनऊ। राज्य सरकार ने धर्म नगरी वाराणसी का दायरा बढाने के लिए मुगलसराय, चंदौली व मिर्जापुर के 215 गांवों को शामिल किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ।वाराणसी में काशी विश्वानाथकॉरिडोर बनने के बाद यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के नाते यहां विकास के काम भी तेजी से हो रहे हैं। मौजूदा जरूरतों के आधार पर वाराणसी विकास प्राधिकरण की सीमा में विस्तार का फैसला किया गया है।