वाराणसी ब्यूरो:: पड़ाव से टेंगरा मोड़ फोर लेन के लिए रामनगर में गुरुवार को एक दर्जन से ज्यादा अतिक्रमण तोड़े गए। इस दौरान स्थानीय लोगों ने विरोध जताया। कुछ महिलाएं और युवतियां जेसीबी के आगे खड़ी हो गईं लेकिन भारी पुलिस बल के आगे किसी की एक न चली।
रामनगर स्थित राजकीय बाल सुधार गृह के पास गुरुवार दिन में पुलिस व पीएसी की मौजूदगी में जिला प्रशासन, पीडब्ल्यूडी व राजस्व विभाग के कर्मियों ने अतिक्रमण तोड़ना शुरू किया। इस दौरान प्रभावित लोगों से अफसरों की तीखी नोकझोंक भी हुई। धीरे-धीरे भीड़ जुटने लगी। इसपर पुलिस ने लाठियां पटककर लोगों को खदेड़ दिया। शाम तक फोरलेन के दायरे में आने वाले दर्जनों मकानों व दुकानों के हिस्से जेसीबी से ढहा दिए गए। इस दौरान आशियाना टूटने पर कुछ लोगों की आंखों से आंसू छलक पड़े। वहीं कुछ ने खुद ही सामान हटाया और अतिक्रमण तोड़ते दिखे।

अभियान में एडीएम प्रशासन विपिन कुमार, एसीएम द्वितीय, नायब तहसीलदार प्रीतम सिंह, पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन वीके सिंह, एसीपी कोतवाली अमित कुमार पांडेय आदि शामिल रहे।

अतिक्रमण तोड़ने के दौरान लोगों ने आरोप लगाया कि उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद उनकी एक नहीं सुनी गई। इस बीच व्यापारी नेता राकेश जायसवाल के नेतृत्व में दुकानदारों ने एडीएम (प्रशासन) विपिन कुमार से हाई कोर्ट के निर्देश का हवाला दिया। इसपर एडीएम ने साफ लहजे में कहा कि आप कंटेप्ट कर दीजिए, हम जवाब देंगे। व्यापारी नेता राकेश जायसवाल, फारुख अहमद आदि आरोप लगाया कि पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता का लोगों के सवालों के जवाब न देना असमंजस की स्थित पैदा कर रही है।

राजस्व विभाग कर रहा मुआवजे के दावों की जांच

हफ्ते भर पहले लोक निर्माण विभाग के कैम्प में 194 लोगों ने मुआवजे के लिए आवेदन किया था। जेई विनोद कुमार सिंह ने बताया कि जमा किये गए कागजात राजस्व विभाग को सौंप दिए गए हैं। इनकी जांच चल रही है। राजस्व विभाग द्वारा निर्धारण करने के बाद ही आवेदकों को मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि काशिराज परिवार की ओर से भी उनके प्रतिनिधियों ने दस्तावेज दाखिल किए है। दस्तावेजों के निर्धारण के बाद जनवरी महीने के दूसरे हफ्ते से अधिग्रहण की कार्यवाही पुनः शुरू की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *