रिपोर्टर:रोहित यादव

चंदौली/पीडीडीयूनगर/ : कड़कड़ाती ठंड और उसपे चोरों का सितम, कुछ इसी दहशतगर्दी के साए में जीने को विवश हैं दीनदयाल उपाध्याय नगर के वासी। चोरी की घटनाओं पर रोकथाम लगाने को सचेष्ट मुगलसराय पुलिस महकमें की तैयारियों से ज्यादा तेज चोरों का गिरोह है। यही कारण है कि नववर्ष के आगमन से लेकर छह दिनों के अंदर ताबड़तोड़ छह चोरी की घटनाएं मुगलसराय कोतवाली में दर्ज की गईं, लेकिन खुलासे के नाम पर मुगलसराय एसएचओ के पास सिर्फ जीरो बटे सन्नाटा है। वैसे खुलासे और घटना को अंजाम देने वाले चोरों को गिरफ्त में लेने का दंभ थाना प्रभारी भरने में पीछे नहीं हट रहें हैं, लेकिन नतीजा अभी तक सिफर है।
विदित हो कि नववर्ष के दिन ही मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के न्यू सेंट्रल कालोनी में चोरों ने रेलवे कर्मी के घर को उस वक्त निशाना बनाया जब परिवार समेत वे बाहर निकले थे। करीब पांच लाख की सामाग्री पर हाथ साफ कर चोर आराम से निकल लिए, जब चोरों ने यह घटना कारीत किया था उस समय दोपहर का वक्त था। अब इससे बढ़कर चोरों के बुलंद हौसलों की बानगी क्या होगी। बता दें की इस चोरी की घटना हुए पांच दिन होने को हैं लेकिन पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं, इतना ही नहीं घटना के बाद हौसला बुलंद चोरों का गिरोह ताबड़तोड़ पांच अन्य चोरियों को अंजाम दे डाला। लेकिन मुगलसराय पुलिस अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची, इससे बढ़कर अनफिट थाना प्रभारी की कहानी क्या हो सकती है, बाकी जनता जनार्दन खुद समझदार है।जानकारी के अनुसार वर्ष 2023 में वैसे भी जनपद में चोरी की घटनाओं में वृद्धि दर्ज की गई है। आंकड़े पर गौर फरमाए तो हत्या की घटनाएं 06, दहेज हत्या 09, गैर इरादतन हत्या की घटनाएं 09, दुष्कर्म की घटनाएं 29, लूट की घटनाएं 09, चोरी की घटनाएं 95, डकैती की घटना 01, वाहन चोरी की 111 एवं साइबर क्राइम की 43 घटनाएं दर्ज की गई हैं। पेश आंकड़ों से गौर फरमाए तो जिस प्रकार चोरी की घटनाएं 2024 में दर्ज हो रहीं हैं, लगता है की 2023 के आंकड़े भी ध्वस्त ही होंगे।
मौसम की बात करें तो सर्द और कड़कड़ाती ठंड की रातें चोरों के मुफीद साबित हो रही हैं। पीडीडीयू नगर की घटनाओं पर प्रकाश डालें तो छह घटनाएं उस घर में चोरों द्वारा अंजाम दी गईं हैं, जिनमें या तो ताला बंद था, या परिवार बाहर गया था। पुलिस के लिए यह बिंदु कारगर साबित हो सकती है, दूसरा पहलू सबसे ज्यादा शिकार चोरी की घटनाओं के रेलवे कर्मी हैं। लिहाजा पुलिस महकमें को एक रणनीति के तहत कार्य करने की आवश्यकता है। लेकिन जब साहब! वीआईपी ड्यूटी में ही बिजी रहेंगे तो आगे क्या एक्शन ले पाएंगे, यह सवालिया प्रश्न है।

By ROHIT

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