उत्तर प्रदेश :: क्षेत्रीय स्तर पर चिकित्सा संगठन या गैर सरकारी संगठनों के सर्वे के अनुसार ग्रामीण भारत में इलाज करने वाले 70 फीसदी डॉक्टर के पास आधिकारिक डिग्री नहीं है। इस पर भारत सरकार द्वारा एक विशेष शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई है।
गलत इलाज से यदि मरीज की मौत झोलाछाप डॉक्टर द्वारा उपचार होने होती है तो ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों को 5 साल की सजा तथा लाइसेंस प्राप्त डॉक्टर को 2 साल की कैद या जुर्माना का प्रावधान बनाए गए हैं। 1 जुलाई से लागू हो रही भारतीय न्याय संहिता में पंजीकृत डॉक्टर के तुलना में झोलाछाप के खिलाफ कठोर सजा का प्रावधान है। भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 106 में उपचार में लापरवाही से मौत पर पंजीकृत डॉक्टर के खिलाफ 2 साल की कैद और उचित जुर्माने का प्रावधान है।
यह सजा उन मामलों में बढ़कर 5 साल हो सकती है जो पंजीकृत डॉक्टर नहीं है। आईपीसी की धारा 304 के तहत गलत इलाज से मरीज की मौत होने पर अधिकतम 2 वर्ष के कैद और जुर्माने का प्रावधान है।
2023 में गुरुग्राम में 3 माह के दौरान 30 ऐसे अस्पतालों को चिन्हित किया गया था जहां 12वीं पास मरीज का इलाज कर रहे थे और यह अस्पताल बीमा कंपनियों के पैनल पर भी थे।
