रिपोर्ट: संजीत कुमार जायसवाल

लखनऊ::आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह पर लखनऊ की जिला अदालत ने एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। सिविल जज सीनियर डिवीजन ने अपने आदेश में कहा है तत्कालीन जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के विरुद्ध जितने भी ट्वीट्स और सोशल मीडिया पर उन्हें बदनाम करने वाले सभी वीडियो और पोस्ट हटाने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने संजय सिंह के विरुद्ध आदेश देते हुए कहा है की जुर्माने की राशि दो माह के भीतर याची महेंद्र सिंह को दें, अन्यथा ब्याज के साथ जुर्माने की राशि वसूली जाएगी। न्यायालय में डॉ महेन्द्र सिंह की तरफ़ से वरिष्ठ अधिवक्ता एवं बार कौंसिल के सह-अध्यक्ष श्री प्रशान्त सिंह अटल ने बहस की थी।
ज्ञात हो की महेंद्र सिंह के जलशक्ति विभाग के मंत्री के कार्यकाल के दौरान सांसद संजय सिंह ने उनके ऊपर भ्रष्टाचार और घोटाले के झूठे आरोप लगाए थे। तत्कालीन मंत्री महेंद्र सिंह ने स्थानीय जिला अदालत में संजय सिंह के विरुद्ध मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। कोर्ट में संजय सिंह की तरफ से कोई सबूत या दस्तावेज प्रस्तुत नही किया गया। कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए सख्त आदेश दिया है। सांसद संजय सिंह फिलहाल मनी लांड्रिंग के मामले में तिहाड़ जेल में है। ताजा फैसले से पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह को बड़ी राहत मिली है। उन पर लगे कोई भी आरोप प्रमाणित करने के लिए संजय सिंह दस्तावेज नहीं प्रस्तुत कर पाए। महेंद्र सिंह को तमाम आरोपों से क्लीन चिट मिली। वो निर्दोष और निष्कलंक बनकर निकले। कोर्ट ने आठ पेज के आदेश में मानहानि के प्रकरण पर काफी तल्ख टिप्पणियां भी दर्ज की हैं और तत्काल प्रभाव से सोशल मीडिया पर संजय सिंह और उनकी पार्टी द्वारा जितने भी वीडियो और पोस्ट किए गए हैं उन्हें हटाने का आदेश दिया है। संजय सिंह पर एक लाख का जुर्माना भी ठोंका है। डॉ महेंद्र सिंह की तरफ़ से वरिष्ठ अधिवक्ता श्री प्रशान्त सिंह अटल ने पक्ष रखा। डॉ महेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने हमेशा ईमानदारी और पारदर्शिता की राजनीति की है और उन्हें बदनाम करने के उद्देश्य से जिस प्रकार से मिथ्या अभियान चलाया गया वो आज कोर्ट के आदेश से साफ हो गया है। महेंद्र सिंह ने कहा की वो सार्वजनिक जीवन में शुचिता और ईमानदारी की राजनीति और सेवा भावना को हमेशा कायम रखेंगे। आज वो लोग बेनकाब हो गए जिन्होंने मुझे और हमारी सरकार, पार्टी को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास किया था।
डॉ महेंद्र सिंह एवं उनके अधिवक्ता श्री प्रशान्त सिंह अटल ने फैसले का स्वागत किया।